Vakya Kise Kahate Hain

वाक्य किसे कहते हैं | वाक्य की परिभाषा | Vakya In Hindi

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आज हम बात करेंगे, हिंदी व्याकरण के वाक्य के बारे में यानी – वाक्य किसे कहते हैं OR Vakya Kise Kahate Hain और इसके कितने भेद होते हैं।

वाक्य हिंदी भाषा के व्याकरण का हिस्सा है। जिसे आज हम बहुत ही सरल भाषा में समझेंगे। तो आइए जानते हैं, Vakya Kise Kahate Hain ?


वाक्य किसे कहते हैं ? | Vakya Kise Kahate Hain 

Vakya Kise Kahate Hain : दो या दो से अधिक शब्दों के समूह जिसका कोई अर्थ हो उसे वाक्य कहा जाता है। एक सामान्य वाक्य को बनाने के लिए कर्ता, कर्म और क्रिया का इस्तेमाल किया जाता है।

जैसे :-

  1. मनुष्य का कर्म ही उसका धर्म है।
  2. जीत सदैव सत्य की होती है।

उपरोक्त वाक्य को यदि अलग अलग कर दिया जाए। जैसे:-

” मनुष्य, कर्म, धर्म ” या ” जीत, सत्य, सदैव ” तो ऐसे में इनका कोई अर्थ नहीं निकलता है। जिन शब्दों के समूह का कोई अर्थ निकलता हों, उसे ही वाक्य कहा जाता है।


वाक्यांश किसे कहते हैं ? | vakyansh kise kahate hain

शब्दों के ऐसे समूह जिनका अर्थ तो निकलता है, लेकिन पूरा पूरा अर्थ नहीं निकलता, तो ऐसे समूह को वाक्यांश कहा जाता है। जैसे :- छत पर, पेड़ के नीचे, घर के अंदर आदि।

कर्ता और क्रिया के आधार पर वाक्य के दो भेद होते हैं।

  1. उद्देश्य
  2. विधेय

उद्देश्य और विधेय :- जिसके बारे में बात की जाए, उसे उद्देश्य कहा जाता है और जो बात की जाए, उसे विधेय कहा जाता है।

जैसे :-

  1. राहुल मुंबई में रहता है।
  2. रीना नाचती है।

उपरोक्त वाक्यों में उद्देश्य :- राहुल, रीना हैं।

विधेय :- मुंबई, नाचना हैं।


यदि आप हिंदी व्याकरण में विलोम शब्द किसे कहते हैं, वचन किसे कहते हैं, उपसर्ग किसे कहते हैं, काल किसे कहते हैंअलंकार किसे कहते हैं, भाषा किसे कहते हैं, विशेषण किसे कहते हैं, इत्यादि पढ़ना चाहते हैं, तो यहां पढ़ सकते हैं|


वाक्य को दो आधार से बांटा जाता है | Vakya Ke Bhed | Vakya Ke Prakar  

1. अर्थ के आधार पर

2. रचना के आधार पर


1. अर्थ के आधार पर वाक्य भेद। 

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं।

  1. विधान वाचक वाक्य भेद
  2. निषेध वाचक वाक्य भेद
  3. प्रश्नवाचक वाक्य भेद
  4. विस्मयादिवाचक वाक्य भेद
  5. आज्ञा वाचक वाक्य भेद
  6. इच्छा वाचक वाक्य भेद
  7. संकेतवाचक वाक्य भेद
  8. संदेह वाचक वाक्य भेद

1:- विधानवाचक वाक्य भेद

ऐसा वाक्य जिससे किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती हो उसे विधानवाचक वाक्य कहा जाता है। जैसे :-

  1. चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर काटता है।
  2. ताजमहल आगरा में स्थित है।
  3. दिल्ली भारत की राजधानी है।

 उपरोक्त वाक्यों में हमें कुछ ना कुछ जानकारी प्राप्त होती हैं। ऐसे ही वाक्यों को विधानवाचक वाक्य कहा जाता है।

2:- निषेधवाचक वाक्य भेद

ऐसे वाक्य जिनसे किसी कार्य के ना होने का बोध प्रकट होता है, उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे :-

  1. मैंने खाना नहीं खाया।
  2. राहुल स्कूल नहीं गया।
  3. हम दिल्ली नहीं जाएंगे।

उपरोक्त वाक्यों से पता चलता है, कि कोई कार्य नहीं हुआ है, ऐसे ही वाक्यों को निषेधवाचक वाक्य कहा जाता है।

3:- प्रश्नवाचक वाक्य भेद

ऐसे वाक्य जिसमें किसी प्रकार के प्रश्न पूछने का बोध प्रकट होता है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे:-

  1. क्या तुम स्कूल जाते हो ?
  2. क्या तुमने अपना काम पूरा कर लिया ?
  3. तुम घर क्यों नहीं गए ?

उपरोक्त बातों से पता चलता है, कि यहां किसी प्रकार का कोई ना कोई प्रश्न पूछा जा रहा है। ऐसे ही वाक्य को प्रश्नवाचक वाक्य कहा जाता है।

4:- आज्ञावाचक वाक्य भेद

ऐसे वाक्य जिसमें किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना का आग्रह किया जाता है, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहा जाता है। जैसे:-

  1. यहां बैठ जाओ।
  2. कृपया शांति बनाए रखें।
  3. यह गाड़ी खड़ी करना मना है। 

उपरोक्त वाक्य से पता चलता है, कि यहां किसी न किसी को कोई आज्ञा दी जा रही है या किसी प्रकार की प्रार्थना का आग्रह किया जा रहा है। ऐसे ही वाक्यों को आज्ञावाचक वाक्य कहा जाता है।

5:- विस्मयादिवाचक वाक्य भेद

वह वाक्य जिसमें किसी प्रकार की अनुभूति को दर्शाया जाता है। जैसे:-

  1. वाह! यह कितना सुंदर है।
  2. ओह! राहुल को चोट लग गई।
  3. अहा! यह फल इतना मीठा है।

उपरोक्त वाक्यों से पता चलता है, कि यहां किसी प्रकार की कोई अनुभूति दर्शाई जा रही है, जैसे कि कोई खुशी या दुख ऐसे ही वाक्यों को विस्मयादिवाचक वाक्य कहा जाता है।

6:- इच्छावाचक वाक्य भेद

जिन वाक्यों में किस प्रकार की इच्छा अकांक्षा या आशीर्वाद को दर्शाया जाता है। ऐसे वाक्यों को इच्छावाचक वाक्य कहा जाता है। जैसे :-

  1. तुम जियो हजारों साल।
  2. शुभ दीपावली।
  3. खुदा तुम्हें खुश रखें।

उपरोक्त वाक्य में पता चलता है, कि यहां किसी को आशीर्वाद दिया जा रहा है या किसी प्रकार की इच्छा प्रकट की जा रही है, ऐसे ही वाक्यों को इच्छावाचक वाक्य कहा जाता है।

7:- संकेतवाचक वाक्य भेद 

ऐसे वाक्य जिनमें किसी प्रकार की जानकारी को देने के लिए संकेत को दर्शाया जाता है। उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहा जाता है। जैसे:-

  1. हमारा स्कूल उधर है।
  2. मेरा घर उस तरफ है।
  3. राहुल वहां रहता है।

उपरोक्त वाक्य से पता चलता है, कि यहां किसी प्रकार की जानकारी को संकेत के माध्यम से बताया जा रहा है। ऐसे ही वाक्यों को संकेतवाचक वाक्य कहा जाता है।

8:- संदेहवाचक वाक्य भेद

ऐसे वाक्य जिनसे किसी कार्य के होने का संदेह उत्पन्न होता हो, तो ऐसे वाक्यों को संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे:-

  1. क्या आज बारिश हो सकती है ?
  2. क्या तुम घर जा रहे हो ?
  3. क्या तुमने अपना काम कर लिया ?

उपरोक्त वाक्य से पता चलता है, कि यहां पर किसी कार्य के होने का संदेह उत्पन्न हो रहा है। ऐसे ही वाक्यों को संदेहवाचक वाक्य कहा जाता है।

ऊपर हमने आपको वाक्य किसे कहते हैं ( Vakya Kise Kahate Hain ) , अर्थ के आधार पर वाक्य भेद के बारे में बताया अब रचना के आधार पर वाक्य के भेद के बारे में जानते हैं |


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2. रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं। 

  1. साधारण वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्रित वाक्य

1:- साधारण वाक्य

ऐसे वाक्य जिन्हें एक ही विधेय और एक ही क्रिया होती है, इन्हें साधारण वाक्य कहा जाता है। जैसे :-

  1. राहुल पड़ता है।
  2. मैंने भोजन कर लिया।
  3. रीना घर जा रही है।

उपरोक्त वाक्यों से पता चलता है, कि यहां एक ही विधेय का इस्तेमाल किया गया है तथा एक ही क्रिया हो रही है, ऐसे ही वाक्यों को साधारण वाक्य कहा जाता है।

2:- संयुक्त वाक्य

जब दो या दो से अधिक साधारण वाक्य समानाधिकरण समुच्चयबोधको से जुड़े होते हैं, तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहा जाता है। जैसे :-

  1. राहुल चला गया और गीता आ गई।
  2. मैं जा रहा हूं लेकिन तुम आ रहे हो।
  3. मैंने एक काम कर लिया पर दूसरा काम छोड़ दिया।

समानाधिकरण समुच्चयबोधक:- लेकिन, किंतु, परंतु, और, पर आदि को कहा जाता है।

3:- मिश्रित वाक्य

ऐसे वाक्य जिनमें एक वाक्य मुख्य हो और दूसरा वाक्य उस पर आश्रित हो या उपवाक्य हो, तो ऐसे वाक्यों को मिश्रित वाक्य कहा जाता है। जैसे:-

  1. ज्यों ही अध्यापक मैं कक्षा में प्रवेश किया वैसे ही छात्र शांत हो गए।
  2. यदि परिश्रम करोगे तो तुम अवश्य सफल हो जाओगे।
  3. मैं जानता हूं कि तुम्हें क्या अच्छा लगता है।

उपरोक्त वाक्यों से पता चलता है, कि यहाँ एक उपवाक्य मुख्य या प्रधान वाक्य पर आश्रित हैं। अन्यथा उपवाक्य का कोई अर्थ नहीं होगा।


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निष्कर्ष:

उम्मीद है, आपको हमारा लेख ” वाक्य किसे कहते हैं ( Vakya Kise Kahate Hain ) ” जरूर पसंद आया होगा। इस लेख में आपको वाक्य की परिभाषा ( Vakya Ki Paribhasha ) और उसके भेद को बहुत ही आसान और सरल तरीके से समझाया गया है। जिन्हें पढ़कर आप वाक्य की परिभाषा को कभी नहीं भूलेंगे।

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