नमस्कार दोस्तों स्वागत है , आपका हमारी स्टोरी चूहे बिल्ली की कहानी पर। हमारे बहुत से पाठकों के निवेदन पर एक बार फिर से हम आपके लिए एक और मोरल स्टोरी लेकर आए हैं। स्टोरी को आप स्वयं पढ़िए और अपने बच्चों को भी जरूर सुनाइए।
आज हम आपको मिनी बिल्ली और मुन्ना चूहा की कहानी सुनाने जा रहे हैं।
चूहे बिल्ली की कहानी
रामपुर के सेक्टर सिक्स मकान नंबर 8 में अभी-अभी एक फैमिली शिफ्ट हुई उस फैमिली ने प्यारी सी सफेद रंग की बिल्ली पाल रखी थी , जिसका नाम उन्होंने मिनी रखा था। वे मिनी का बहुत ख्याल रखते थे , इसलिए वह हट्टी कट्टी तंदुरुस्त और सुंदर लगती थी।
मकान नंबर 8 के पास ही एक पेड़ के नीचे मुन्ना चूहा अपनी फैमिली के साथ रहता था। मुन्ना बहुत ही बुद्धिमान था। मुन्ना अपने फैमिली मेंबर्स की सुरक्षा के लिए कड़ा इंतजाम किया होता है। मुन्ना की फैमिली बहुत बड़ी थी। इसलिए उसकी फैमिली के कुछ चूहे घर के बाहर पहरा देते और कुछ जो है , खाना लेने जाते थे।
जब मुन्ना चूहा और उसके फैमिली मेंबर्स ने अपने बील के पास वाले मकान में एक बिल्ली को देखा तो वे सब बहुत डर गए |मुन्ना के परिवार वालों ने मुन्ना को वह जगह छोड़ने की सलाह देते हैं, और मुन्ना से कहते हैं, कि चलो हम कहीं और जाकर अपना घर बनाएंगे। यहां पर हम सभी सेफ नहीं है। यह बिल्ली कभी भी हमें मार कर खा सकती है।
मुन्ना इस बात से सहमत नहीं होता है। और वह अपने घर वालों को समझाता है , कि हमें इससे अच्छा घर नहीं मिल सकता है। हमारे घर के पास ही हमें खाना पानी आसानी से मिल जाता है। कुछ चूहे फिर से मुन्ना से कहते हैं , कि हम इस बिल्ली को नहीं मार सकते वह बहुत ही खूंखार और डरावनी है। उसे देख कर तो लगता है , कि वह 10-10 चूहे का शिकार यूं ही आसानी से कर लेती होगी।
अरे आप सभी चिंता मत कीजिए। मैं हूं ना।
मेरे पास एक अच्छा प्लान है। मेरे इस प्लान के जरिए हम उस बिल्ली को यहां से भगा देंगे या फिर ऐसा सबक सिखाएंगे , कि दोबारा यह बिल्ली हमें तो क्या किसी और चूहे को परेशान नहीं करेगी।
दूसरे दिन मुन्ना और उसके 2 साथी खाना लेने के लिए अपने घर से बाहर आते हैं। वे अभी थोड़ी ही दूर गए थे , कि मिनी ने मुन्ना और उसके दोनों साथियों का पीछा करना शुरू कर दिया। मुन्ना और उसके दोनों साथियों ने अपनी जान बचाने के लिए बहुत तेजी से भागना शुरू करते हैं। वे तीनों बहुत मुश्किल से अपनी जान बचाते हैं।
जब वे तीनों चूहे मिनी के हाथ नहीं आते हैं , तो मिनी पंजे से अपने नाखून बाहर निकालते हुए गुस्से से दीवार को खरोचती है। और चिल्लाते हुए कहती है , एक दिन मैं तुम सबको खा जाऊंगी।
मुन्ना के घर पर सभी चूहे बहुत डर जाते हैं। कुछ चुहिए तो रोने भी लगती है। मुन्ना सभी को चुप कराता है और सभी से कहता है , कि अगर हम सभी मिल जाए तो यह बिल्ली हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। हम सभी मिलकर इस बिल्ली को यहां से खदेड़ सकते हैं , और मजे से अपनी जिंदगी बिता सकते हैं।
उस हादसे के बाद मुन्ना सभी को ट्रेनिंग देना शुरू करता है। सभी चूहे अपना अपना काम खत्म करने के बाद मुन्ना से अपने बचाव के लिए ट्रेनिंग लेते हैं। सभी चूहे एकजुट होकर ट्रेनिंग लेते हैं। इतनी एहतियात के बावजूद भी सभी चूहों को बिल्ली का डर बना रहता था , कि पता नहीं कब मिनी बिल्ली उन पर झपट्टा मारे और उन्हें चट कर जाए।
अगले दिन सुबह वे सभी चूहे मुन्ना चूहे के साथ मिलकर घर से बाहर जाने के लिए प्लान बनाते हैं। प्लान के अनुसार दूसरे दिन सुबह मुन्ना चूहा और उसके 2 साथी चूहे फिर से खाना लेने के लिए अपने घर से बाहर निकलते हैं। कुछ देर चलने के बाद इस बार भी मिनी बिल्ली उनके पीछे लग जाती है।
थोड़ी देर के बाद एक चूहा दाएं हाथ की तरफ मुड़ जाता है , दूसरा चूहा बाएं हाथ की तरफ मुड़ जाता है और मुन्ना आगे जाकर सीधे खड़े हो जाता है।
अब वे तीनों चूहे एक-एक करके मिनी बिल्ली को आवाज देते वे कहते हैं। ए मोटी बिल्ली इधर आ देख मैं दाएं साइड खड़ा हूं आ मुझे पकड़।
जैसी ही मिनी दाएं तरफ चूहे को पकड़ने के लिए दौड़ती है , वैसे ही बाए गली में गया हुआ चूहा मिनी को आवाज लगाता है और कहता है खा खा के मोटी हो गई है मुझे पकड़ कर दिखा अगर तुझ में दम है तो।
मिनी राइट साइड जाना छोड़कर अब लेफ्ट साइड में खड़े चूहे की तरफ भागती है। अभी मीनिंग भागना शुरू हुई की होती है कि मुन्ना चूहा जोर से आवाज लगाते हुए कहता है, ए मिनी अगर तुझ में थोड़ा भी दम है तो आप और आकर मुझसे लड़ाई कर।
वे तीनों एक एक करके मिनी बिल्ली को बार-बार आवाज लगा रहे थे | उनको पकड़ने के चक्कर में मिनी बहुत थक जाती है। मिनी बिल्ली के हाथ में एक भी चूहा नहीं आता। बेचारी मिनी बिल्ली बहुत उदास हो जाती है।
थकने के वजह से मिनी बिल्ली को नींद आ जाती है और उसे सपने में मुन्ना चूहा और उसके परिवार वाले नजर आते हैं। मिनी बिल्ली सपने में देख रही थी , कि मुन्ना चूहा और उसके परिवार वालों को खा रही है। मिनी बिल्ली के मुंह में पानी आ जाता है। और वह फिर से उठ खड़ी होती है। मिनी बिल्ली अपने आप से कहते हुए आगे बढ़ती है , आज तो पहले में जी भर कर अपनी पेट पूजा करूंगी और उसके बाद ही आराम करूंगी। आज मुन्ना चूहा और उसके साथियों को नहीं छोडूंगी उन्होंने मुझे बहुत परेशान किया है। यह कहते हुए मिनी बिल्ली मुन्ना चूहा के घर के पास आ जाती है।
इधर मुन्ना चूहा अपने साथियों के साथ मिलकर मिनी बिल्ली को परेशान करने वाली स्टोरी बताता रहता है। इतने में मिनी बिल्ली मुन्ना के पीछे आकर खड़ी हो जाती है, और कहती है मुझे तुम लोगों ने बहुत परेशान किया है , अब आज मैं किसी को नहीं छोडूंगी। मुन्ना बिना डरे हुए सीटी बजाता है और जोर से चिल्ला कर कहता है , प्लान नंबर दो।
जैसे ही सभी चूहे मुन्ना की आवाज सुनते हैं , तो वह सभी मिनी को चारों तरफ से घेर कर खड़े हो जाते हैं। सभी एक-एक कर बिल्ली से कहते हैं , बताओ आज तुम किसे खाना पसंद करोगी मुझे खा लो ?
दूसरा वाला नहीं नहीं मुझे खा लो। एक एक कर सभी मिनी बिल्ली को लालच देते रहते हैं। इधर मिनी बिल्ली मन ही मन बहुत खुश हो रही थी , उसकी आंखों में खुशी साफ नजर आ रही थी। मुन्ना और उसके कुछ साथी चुपके से अपने घर के अंदर जाकर बड़ी सी रस्सी लेकर आते हैं और धीरे-धीरे मिनी बिल्ली के चारों पैरों को रस्सी से बांध देते हैं।
जैसे ही मिनी बिल्ली का पैर रस्सी से बनता है , वह धड़ाम से नीचे गिर जाती है। उस रस्सी का एक और टुकड़ा निकालकर मिनी बिल्ली का मुंह भी बांध देते हैं। अब तो बेचारी मिनी बिल्ली बेबस हो कर एक कोने में पड़ी रहती है। ना तो वह कुछ बोल सकती थी और ना ही अपने घर जा सकती थी।
मुन्ना चूहा मिनी से कहता है , हां तो मिनी बिल्ली बताओ क्या आज के बाद तुम हमें मारोगी ?
देख लिया ना तुमने हमें सताने का अंजाम क्या होता है ?
अब तुम अपने मुंह से बोलो कि आज के बाद तुम हमें कभी भी परेशान नहीं करोगी।
तुम्हें तुम्हारे मालिक जो भी देंगे उसे तुम चुपचाप खाओगे और हमें हमारे घर के लिए खाना इकट्ठा करने के समय पर तंग नहीं करोगी। बिल्ली का तो मुंह बंद रहता है , इसलिए वह बोल नहीं पाती है। बस अपना सीर हां में हिलाती है।
मुन्ना चूहा साहस करके बिल्ली के पास जाता है और उसके मुंह में बंधी हुई रस्सी को हटाता है।
मुन्ना चूहा मिनी बिल्ली को समझाते हुए कहता है , कि तुम्हारी मालकिन तुम्हें रोज लजीज खाना खाने को देती है तुम्हारा मनपसंद मछली भी देती है और साथ ही साथ तुम्हें खूब सारा दूध भी देती है। उसके बावजूद भी तुम हम चूहों को खाना चाहती हो। अगर तुम्हें इस बंधन से आजाद होना है , तो तुम्हें हम सभी से वादा करना होगा , कि तुम आज के बाद मेरे परिवार वालों को नुकसान नहीं पहुंचओगी | इन्हें नहीं खाओगी ना ही इन्हें तंग करोगी। अगर तुम्हें मेरी सारी शर्तें मंजूर है , तो ही मैं तो तुम्हें इस बंधन से आजाद करूंगा । नहीं तो पड़ी रहो यहीं पे सड़ते हुए।
मिनी बिल्ली रोते हुए कहती है , आज के बाद मै तुम लोगों को कभी भी नहीं सताऊंगी ना ही तुम्हें खाऊंगी। मुझे माफ कर दो और मुझे जल्दी से खोलो ताकि मैं अपने घर वापस जा सकूं।
मिनी बिल्ली जैसे ही बंधन से आजाद होती है , वैसे ही वह दुम दबाकर अपने घर की ओर भाग जाती है। अब मुन्ना और उसके दोस्त आराम से अपने घर से बाहर निकलते हैं और मजे से गाना गाते हुए खाना ढूंढते हैं।
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है ?
दोस्तों हम सभी कहानी में पढ़ा कि मुन्ना चूहा कैसे सभी को एकजुट करता है , और सभी एकजुट होकर बिल्ली को भगा देते हैं। इसका मतलब यह है , कि एकता में बहुत शक्ति होती है। जो काम हम अकेले नहीं कर सकते , वह काम हम साभी आसानी से मिलकर पूरा कर सकते हैं।
दूसरी सीख हमें यह मिलती है , कि हमें अपने परिवार वालों पर पूरा विश्वास करना चाहिए और हमेशा उनका साथ देना चाहिए। कितनी भी बुरी परिस्थिति क्यों ना आ जाए , हम अपने परिवाजनों की मदद से आसानी से उस परिस्थिति से बाहर निकल सकते हैं।
दोस्तों हम उम्मीद करते हैं , कि आपको हमारी कहानी चूहे बिल्ली की कहानी पसंद आई होगी। अगर आपको हमारी यह स्टोरी पसंद आई है , तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। साथ ही यह स्टोरी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। अगर आप इसी तरह की दूसरी कहानियां भी पढ़ना चाहते हैं , तो कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करना ना भूलें।