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आज का विषय है, कि शब्द किसे कहते है ( Shabd Kise Kahate Hain ) और यह कितने प्रकार के होते हैं ? वाक्य बनाने में ” शब्द ” एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं। तो आइए आज हम जानते हैं – शब्द किसे कहते हैं और शब्द की परिभाषा ( Shabd Ki Paribhasha ).
शब्द किसे कहते है ? ( Shabd Kise Kahate Hain ) | शब्द की परिभाषा
Shabd Kise Kahate Hain : दो या दो से अधिक वर्णों के समूह को शब्द कहते है। यानी जिस शब्द का कोई अर्थ हो और जिस शब्द का कोई अर्थ ना, हो उसे निरर्थक शब्द कहा जाता है। अब जानते है, शब्दों के कितने प्रकार है।
शब्दों के कितने भेद होते हैं ? ( Shabd Ke Bhed )
शब्द के चार निम्नलिखित भेद होते हैं:-
- तत्सम
- तद्भव
- देशज
- विदेशी
1. तत्सम शब्द :- जिन संस्कृत के शब्दों को बिना अनुवाद किए यानी बिना परिवर्तन किए इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं।
जैसे :-
- चारों तरफ चंद्रमा की रोशनी फैली हुई है।
- मुख के अंदर जिह्वा है।
- मोर नृत्य कर रहा है।
चंद्रमा, मुख, जिह्वा, नृत्य, आदि शब्दों को ज्यों का त्यों संस्कृत भाषा से लेकर वाक्य में इस्तेमाल किया गया है।
2. तद्भव शब्द :- जिन संस्कृत के शब्दों में कुछ बदलाव करके, उन्हें वाक्य में इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।
जैसे :-
- कर्ण की जगह कान।
- हस्त की जगह हाथ।
3. देशज शब्द :- जिन शब्दों को देश की अन्य भाषाओं से या पुरानी बोली जाने वाली बोलियों से लिया गया हो, उसे देशी शब्द कहते हैं।
जैसे :-
- लड़ाई
- बाप
- काम
4. विदेशी शब्द :- जिन शब्दों को विदेशी भाषाओं से लिया गया हो, उन्हें विदेशी शब्द कहते हैं।
जैसे :-
- ईद
- रमज़ान
- चाकू
- कैची
- तोप
- चश्मा
- जबान
- इमारत
- कलम
- हाकिम
- कंपनी
- ऑफिस
- स्टेशन
- मास्टर
- फीस
- क़ब्र
- तकदीर
- वारिस
- गरीब
- मदद
- शब्दों की
व्युत्पत्ति के हिसाब से शब्दों को तीन भागों में बांटा गया है:-
- रूढ़ शब्द
- योगिक शब्द
- योगरूढ़ शब्द
1. रूढ़ शब्द :- ऐसे शब्द जिनके खण्ड करने से भी शब्दों का अर्थ सार्थक नहीं होता है। यानि ऐसे शब्द जिन्हें अन्य शब्दों के योग से ना बनाया हो, उसे रूढ़ शब्द कहते हैं।
जैसे:- कमल, घोड़ा, राम, तारा आदि।
2. यौगिक शब्द :- ऐसे शब्द जिनके खण्ड कर देने के बाद भी शब्दों का अर्थ सार्थक होता है। यानी जिन शब्दों को अन्य शब्दों के योग से बनाया गया है, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं।
जैसे:-
- पाठशाला- पाठ + शाला
- विद्यालय- विधा + आलय
- राजकुमार- राज + कुमार
3. योगरुढ़ शब्द:- ऐसे शब्द जिनके खण्ड करने के बाद उत्पन्न शब्दों का अर्थ तो सार्थक होता है। लेकिन खंडों और शब्दों के अर्थ अलग – अलग होते है।
सरल भाषा में कहा जाए ,तो जिन शब्दों को दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बनाया गया हो, उसे योगरूढ़ शब्द कहते हैं।
जैसे:- दशानन, पंकज।
रूपांतर शब्द भेद :- रूपांतरण का अर्थ होता है, रूप में अंतर करना।
इन शब्दों को दो भागों में बांटा गया है:-
- विकारी
- अविकारी।
विकारी शब्द :-
- घोड़ा दौड़ता है।
- घोड़े दौड़ते हैं।
- उसे खाना दो।
- उन्हें खाना दो।
- वह पढ़ता है।
- वे पढ़ते हैं।
- लड़की हंसती है।
- लड़कियां हंसती है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में घोड़ा से घोड़े, ( संज्ञा ), उसे से उन्हें ( सर्वनाम ), हंसती है से हंसती है, ( क्रिया ) है। इससे हमें पता चलता है, कि किसी लिंग, कारक या काल के कारण संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के रूप बदलते रहते हैं। इन्हीं रूप बदलने वाले शब्दों को विकारी यानि विकार उत्पन्न करने वाले शब्द कहा जाता है।
अविकारी शब्द-
- लड़की धीरे- धीरे दौड़ती है।
- लड़कियां धीरे-धीरे दौड़ती हैं।
- बच्चा आराम आराम से काम कर रहा है।
- बच्चे आराम आराम से काम कर रहे हैं।
- गाय और भैंस घास चर रही है।
- गाय और भैंस घास चर रहे हैं।
- काश! तुम जीत जाते।
- काश! हम जीत जाते हैं।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में धीरे – धीरे, आराम से, घास चर रही है, काश शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। जिन्हें किसी भी लिंग या वचन में परिवर्तन करने के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं आता है, ऐसे ही शब्दों को अविकारी या अव्यय शब्द कहा जाता है।
निष्कर्ष :-
इस लेख में आपको बहुत ही आसान और सरल भाषा में आपको हिंदी व्याकरण ” शब्द ( Shabd Kise Kahate Hain ) ” के बारे में बताया गया है।
उम्मीद है, कि आपको हमारे इस लेख से कुछ ना कुछ सहायता जरूर प्राप्त होगी। यदि आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों केेेे साथ शेयर करना ना भूले।
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