Contents
क़ुरान शरीफ़ की सूरतें हिंदी में | Surah in hindi
वैसे तो क़ुरानश शरीफ़ अरबी भाषा में उतारा गया था और क़ुरान शरीफ़ ( Surah In Hindi ) को पढ़ने वाले ज़ियादतर लोगों को अरबी आती है, लेकिन हम में से कुछ लोग हैं, जिन्हें अरबी इतने सच्चे समझ नहीं आती या पढ़नी नहीं आती तो आज हम उन लोगों हम लिये यह आर्टिकल लाएँ हैं।
इस आर्टिकल में हम आप को बताने वाले है, क़ुरान शरीफ़ की सूरतें हिंदी में ( Surah In Hindi )। साथ ही हम क़ुरान शरीफ़ की ख़ासियतों और फायदों के बारे में भी जानेंगे और क़ुरान शरीफ़ के कुछ मसअलों पर भी नज़र डालेंगे।
क़ुरान शरीफ़ क्या है ?
क़ुरान शरीफ़ एक आसमानी किताब है, जो अल्लाह पाक के हुक़्म से हुज़ूर हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहू तआला अल्लालिही व्सलम के ऊपर नाज़िल हुई थी।
अल्लाह के हुक़्म से हुज़ूर हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहू तआला अल्लालिही व्सलम के ऊपर पूरे क़ुरान शरीफ़ को नाज़िल होने में 23 बसर का वक़्त लग गया था।
क़ुरान का असली मक़सद यह था, कि क़ुरान के ज़रिए इस्लाम के मानने वालों को बताया जा सके कि ” लोगो क़ुरान पढ़ो और समझो, कि अच्छा क्या बुरा क्या है ? हराम क्या है और हलाल क्या है ? “।
क़ुरान में कुल मिला कर 540 रुकू, 6666 आयत, 14 सजदे, 322600 हूर्फ़ और 7 मंज़िलों के साथ 30 पारे भी हैं। क़ुरान शरीफ़ को 114 हिस्सों में अलग-अलग बाटा गया है, जिसे सुर कहते हैं।
क़ुरान शरीफ़ की सूरतें हिंदी में | Surah In Hindi
1. सुरः अल–कौसर
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
इन्ना आतय ना कल कौसर
फसल्लि लिरब्बिका वन्हर
इन्ना शानिअका हुवल अब्तर
✦ अर्थ ✦
अल्लाह पाक के नाम से जो बहुत ज़ियादा रहीम है रहमान है।
प्यारे नबी… आप को हम ने क़ोसर दिया है।
तो आप अपने ख़ुदा की रज़ा के लिए उसको याद करने के लिए नमाज़ पढ़िए।
बे-शक जो आप का दुश्मन है वो बे नाम निशान है।
2. सुरः अल–फलक
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
कुल अऊजु बिरब्बिल फलक
मिन शर रिमा ख़लक़
वामिन शर रिग़ासिकिन इज़ा वकब
वमिन शर रिन नफ़फ़ासाति फ़िल उक़द
वमिन शर रि हासिदिन इज़ा हसद
✦ अर्थ ✦
अल्लाह पाक के नाम से जो बहुत ज़ियादा रहीम है रहमान है।
प्यारे रसूल आप कह दीजिए, कि मैं अपने ख़ुदा की अपने मलिक की बनाई दुनिया मे जो भी चीज़ बुरी है, ग़लत है, मैं उस हर चीज़ से पनाह मांगता हूँ।
अंधेरी रातों की बुराई से जादू टोना करने वालो की बुराई से और जलन करने वालों की बुराई से पनाह माँगता हूँ।
3. सुरः अल–फातिहा:
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
अर्रहमानिर्रहीम
मालिकि यौमिद्दीन
इय्या–क न बुदु व इय्या–क नस्तीइन
इहदिनस्सिरातल्–मुस्तकीम
सिरातल्लज़ी–न अन्अम्–त अलैहिम गैरिल्–मग़जूबि अलैहिम् व लज्जॉल्लीन
◆ अर्थ ◆
अल्लाह पाक के नाम से जो बे-शक रहम करने वाला है और करम करने वाला है।
इस दुनिया की सारी तारीफ़ें अल्लाह पाक के लिए हैं जो पूरी कायनात का ख़ुदा है
जज़ा मिलने वाले दिन का मालिक है।
हम लोग तेरी और सिर्फ़ तेरी ही इबादत करते हैं, और सिर्फ़ तुझ से ही मदद माँगते हैं मेरे मालिक।
हम लोगो को हमेशा अच्छा और सीधा रास्ता दिखा।
वो रास्ता, उन लोगों का रास्ता जिन लोगों को तूने ईमान की दौलत से नवाज़ा, जिनका ईमान मज़बूत था, जो अपनी राह से कभी नहीं भटके।
4. सुरः इखलास
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
कुल हुवल लाहू अहद
अल्लाहुस समद
लम यलिद वलम यूलद
वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
✦ अर्थ ✦
अल्लाह पाक के नाम से जो बहुत ज़ियादा रहीम है रहमान है।
या रसूल अल्लाह आप कह दीजिए कि सब का ख़ुदा एक है ।
ख़ुदा बार हक़ है ख़ुदा बे नियाज़ है।
वो हम सफ़र से औलाद से माँ बाप से
हर रिश्तों से पाक है।
5. सुरः अन–नास
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
कुल अऊजु बिरब्बिन नास
मलिकिन नास
इलाहिन नास
मिन शर रिल वसवा सिल खन्नास
अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन नास
मिनल जिन्नति वन नास
✦ अर्थ ✦
अल्लाह पाक के नाम से जो बहुत ज़ियादा रहीम है रहमान है।
या रसूलअल्लाह आप कह दीजिए कि मैं इस दुनिया के ख़ुदा ,
इंसानों के बादशाह
पूरी क़ायनात के माबूद ने जो दुनिया बनाई उस दुनिया मे जो बुरी चीज़ें हैं जो शैतानी वसवसे हैं उन सब से पनाह माँगता हूँ।
जिन जिन्नात से ख्वाह आदमियों में से और हर ग़लत शह से पनाह मांगता हूँ।
6. सुरह क़द्र
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
इन्ना अनज़ल नाहु फ़ी लैलतिल कद्र
वमा अदरा कमा लैलतुल कद्र
लय्लतुल कदरि खैरुम मिन अल्फि शह्र
तनज़ ज़लूल मला इकतु वररूहु फ़ीहा बिइज़्नि रब्बिहिम मिन कुल्लि अम्र
सलामुन हिय हत्ता मत लइल फज्र
✦ अर्थ ✦
अल्लाह पाक के नाम से जो बहुत ज़ियादा रहीम है रहमान है।
हम ने क़ुरान शरीफ़ को शब-ए-क़द्र की शब नाज़िल किया है।
और क्या आप को पता कि शबे क़द्र क्या है ?
हज़ार महीनों से बेहतर है शब-ए-क़दर
शब-ए-क़दर में फ़रिश्ते अपने रब की इजाज़त से
अपने रब का हर हुक़्म ले कर उतरते हैं।
7. सुरः काफ़िरून
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
कुल या अय्युहल काफिरून
ला अ’अबुदु मा तअ’बुदून
वला अन्तुम आबिदूना मा अ’अबुद
वला अना आबिदुम मा अबद्तुम
वला अन्तुम आबिदूना मा अअ’बुद
लकुम दीनुकुम वलिय दीन
✦ अर्थ ✦
अल्लाह पाक के नाम से जो बहुत ज़ियादा रहीम है रहमान है।
या रसूल अल्लाह आप बता दीजिए इन काफ़िरों को की ए क़फ़िरों
तुम जिन को पूजते हो , मैं उन को नहीं पूजता।
मैं जिस अल्लाह की इबादत करता हूँ उस अल्लाह को तुम नहीं मानते।
और मैं कभी उसे ख़ुदा नहीं मानने वाला जिसे तुम पूजते हो।
और जो मेरा ख़ुदा है तुम उस की इबादत नहीं करने वाले
मुझे मेरे दीन मुबारक, तुम्हें तुम्हारा।
क़ुरान शरीफ़ की ख़ासियत और फ़ायदे ( Benifits Of Quran ):-
अल्लाह पाक का फ़रमान है- ए बंदे जब भी कोई क़ुरान शरीफ़ को पढ़े तो उसे कान लगा कर ख़ामोशी से सुनो ताकी तुम लोगों पर रहम किया जाए।
( यह फ़रमान क़ुरान शरीफ़ के ” कनज़ुलइमान ” पारे में लिखा हुआ है: ” सफ़ा-284, रुकु-14, पारा-9 ) ।
हुज़ूर-ए-अकरम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहू तआला अल्लालिही व्सलम फ़रमाते है, कि जो इंसान क़ुरान शरीफ़ पढ़ेगा और क़ुरान शरीफ़ में बताई गई बातों पर अमल करेगा महशर के रोज़ अल्लाह पाक उस के वालिदैन को एक ऐसा चमकदार ताज पहनाएंगे, जिस की रौशनी सूरज की रौशनी ने भी बेहतर होगी।
जो शख़्स क़ुरान शरीफ़ को मुह ज़बानी याद कर लेता है, वो शख़्स अल्लाह पाक का दोस्त बन जाता है। और उस शख़्स को जहन्नम के अज़ाब से बचा लिया जाता है।
क़ुरान शरीफ़ को बिना याद किए पढ़ना यानी देख कर पढ़ने वालों के 2 हज़ार दरजात बुंलद कर दिए जाते हैं, ( सवाब मिलता है )। जितने भी लोग इबादत करते हैं, उन सब में से सब से ज़ियादा इबादत गुज़ार वह शख़्स है, जो सब से ज़ियादा क़ुरान शरीफ़ की तिलावत करता है।
हुज़ूर-ए-अकरम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहू तआला अल्लालिही व्सलम फ़रमाते है, कि लोगों क़ुरान शरीफ़ पढ़ो इसलिए पढ़ो, कि जो भी शख़्स क़ुरान शरीफ़ पड़ेगा क़यामत के दिन क़ुरान शरीफ उसके लिए मग़फ़िरत की सिफ़ारिश करेगा और उस शख़्स को मुआफ़ कर दिया जाएगा।
बुख़ारी शरीफ़ की हदीस है, कि हमारे नबी हुज़ूर-ए-अकरम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहू तआला अल्लालिही व्सलम ने फ़रमाया है, कि सब से ज़ियादा फज़ीलत वाला शख़्स वो है, जिसने ख़ुद क़ुरान शरीफ़ पढ़ना सीखा और दूसरों को सिखाया ( यह हदीस बुख़ारी शरीफ़ में है , सफ़ा 752,जिल्द 2 )
मसअला– क़ुरान शरीफ़ जब ख़त्म हो तो तीन मरतबा सूरे इख्लास पढ़ लेनी चाहिए।
मसअला– क़ुरान शरीफ़ नाज़िल होने में 23 बसर लगे और यह रमज़ान के महीने में शब-ए-क़दर की रात नाज़िल हुआ था।
मसअला– क़ुरान शरीफ पड़ते वक़्त कोई निजी या दुनिया की बात करनी पड़े तो आऊज़ो बिलाही और बिस्मिल्लाह फिर से पढ़ लेनी चाहिए। और क़ुरान शरीफ़ पढ़ने से पहले बिल्लाह पढ़ना सुन्नत है।
मसअला– अगर कोई शख़्स ऊँची आवाज़ में क़ुरान शरीफ़ पड़ता है तो बाक़ी लोगो को चाहिए को वो ख़ामोशी से और ध्यान से क़ुरान को सुनें अगर वो लोग वहाँ सुनने की नीयत से ही आए हैं, तो वरना अगर एक शख़्स भी सुनता है तो काफ़ी है अगर और लोग अपने अपने काम पर हैं तो। ऊँची आवाज़ में क़ुरान शरीफ़ पढ़ना बहुत बेहत है लेकिन शर्त यह है कि उस आवाज़ से किसी को तकलीफ़ न पहुँचे।
मसअला– क़ुरान शरीफ़ को देखना , क़ुरान शरीफ़ को छूना और क़ुरान शरीफ़ को अपने पास रखना भी सवाब का काम है और इस लिए क़ुरान शरीफ़ को देख कर पढ़ना क़ुरान शरीफ़ को बिना देखे पढ़ने से ज़ियादा सवाब का काम है।
मसअला– महफ़िल में सब ऊँची आवाज़ में क़ुरान शरीफ़ पढें ये हराम है।
अक़्सर देखा गया है, कि क़ुरान ख़्वानी में या फिर स्वेम में लोग क़ुरान शरीफ़ ऊंची आवाज़ में पढ़ते हैं, लेकिन यह ग़लत है हराम है। अगर 1 से ज़ियादा लोग क़ुरान पढ़ रहे हैं तो हुक़्म है कि धीरे धीरे पढें।
अगर आप मस्जीद में क़ुरान शरीफ़ पढ़ रहे हैं और दीसरे लोग नमाज़ पढ़ रहे हैं या कुछ और इबादत कर रहे हैं, तो भी हुक़्म है कि क़ुरान शरीफ़ धीरे धीरे नीचे आवाज़ में पढें।
आवाज़ सिर्फ़ इतनी होनी चाहिए, कि सिर्फ़ आप को ही सुनाई दे सके। वरना अगर ऐसे हालात में आप ऊँची आवाज़ में क़ुरान शरीफ़ पढ़ेंगे तो यह गुनाह का काम होगा।
Surah In Hindi
Conclusion:-
इस आर्टिकल में हम ने क़ुरान शरीफ़ की सूरतें हिंदी ( Surah In Hindi ) में जानी और साथ ही कुछ मसअलों पर भी बात करी और क़ुरान शरीफ़ की ख़ासियतों और फायदों के बारे में भी जाना।
हम उम्मीद करते हैं आप को हमारी यह जानकारी ( Surah In Hindi ) अच्छी लगी होगी। अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के शेयर जरूर करिए। शुक्रिया।